वृक्षों की नर्म पत्तियों के किनारे से
शरमा कर मुस्कराकर झांकती है एक किरण
नए सूरज की चमकीली लहर
निराशा के क्षणों को धीमें से पोंछकर
मिटा देती है
नए विश्वास से भरे सूरज
आओ
मेरी पलकों पर चमकती बूंदों को समेट
मुझे सपनीली किरणों से भर दो
वृक्षों की नर्म पत्तियों के किनारे से
शरमा कर मुस्कराकर झांकती है एक किरण
नए सूरज की चमकीली लहर
निराशा के क्षणों को धीमें से पोंछकर
मिटा देती है
नए विश्वास से भरे सूरज
आओ
मेरी पलकों पर चमकती बूंदों को समेट
मुझे सपनीली किरणों से भर दो