Last modified on 16 नवम्बर 2009, at 03:13

मेरा-तुम्हारा / दुष्यन्त

अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 03:13, 16 नवम्बर 2009 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=दुष्यन्त }} {{KKCatKavita}} <poem> सांझा अपना इतिहास सांझा अपन…)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

सांझा अपना इतिहास
सांझा अपना वर्तमान

तुम्हारे दुख में शामिल मेरा दुख
तुम्हारे सुख में शामिल मेरा सुख
जैसे मेरे सुख में शामिल तुम्हारा सुख
मेरे दुख में शामिल तुम्हारा दुख

यह धरती
यह आकाश
पानी
वन
जानवर
हवा

जितने तुम्हारे
उतने ही मेरे
सांझे सपने जैसा
जो आता है आंखों में

कभी तुम्हारी
कभी मेरी।
 

मूल राजस्थानी से अनुवाद- मदन गोपाल लढ़ा