जहाँ-जहाँ है फूल, वहाँ क्या साँप है?
जहाँ-जहाँ है रूप, वहाँ क्या पाप है?
शूलों में क्या है कि प्रेम से चुनते हो?
पर, फूलों को देख शीश क्यों धुनते हो?
जहाँ-जहाँ है फूल, वहाँ क्या साँप है?
जहाँ-जहाँ है रूप, वहाँ क्या पाप है?
शूलों में क्या है कि प्रेम से चुनते हो?
पर, फूलों को देख शीश क्यों धुनते हो?