(१)
तुम न होगे, कौन तब इस नाव का मल्लाह होगा?
देश में हर व्यक्ति को दिन-रात इसका सोच है।
देश के बाहर हमें तुमने प्रतिष्ठा तो दिला दी,
देश के भीतर बहुत, पर, बढ़ गया उत्कोच है।
(२)
एक कहता है कि मूँदो आँख, अमरीका चलो सब,
दूसरा कहता, तुम्हें हम रूस ही ले जायँगे।
मैं चकित हूँ सोचकर क्यों भाग जाना चाहते हैं
हिन्द को लेकर हमारे लोग हिन्दुस्तान से?