Last modified on 6 दिसम्बर 2009, at 18:01

बजरंग बाण / तुलसीदास

RAM SARAN YADAV (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 18:01, 6 दिसम्बर 2009 का अवतरण

|चित्र=tulsidas.jpg



== बजरंग बाण ==

निश्चय प्रेम प्रतीति ते, विनय करें सनमान ।
तेहिं के कारज शकल शुभ,सि़द्व करें हनुमान ।।

जय हनुमंत संत हितकारी, सुन लीजै प्रभु अरज हमारी ।
जन के काज विलंब न कीजै, आतुर दौरि महा सुख दीजै ।
जैसे कूदि सिंधु महि पारा,सुरसा बदन पैठि विस्तारा ।
आगे जाय लंकिनी रोका, मारेहुं लात गई सुरलाका ।
जाय विभीषण को सुख दीन्हा,सीता निरखि परम पद लीन्हा ।