भूख और प्यास
आदमी से वह सब कराती है
जिसे संस्कृति कहा जाता है।
लिखना, पढना, पहनना, ओढना,
मिलना, झगड़ना, चित्र बनाना, मूर्ति रचना,
पशु पालना और उन से काम लेना यही सारे
काम तो इतिहास है मनुष्य के सात द्वीपों और
नौं खंड़ों में।
आदमी जहाँ रहता है उसे देश कहता है। सारी
पृथ्वी बँट गई है अनगिनत देशों में। ये देश अनेक
देशों का गुट बना कर अन्य गुटों से अक्सर
मार काट करते हैं।
आदमी को गौर से देखो। उसे सारी कलाएँ, विज्ञान
तो आते हैं। जीने की कला उसे नहीं
आती।
6.12.2002