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प्रेम-5 / रविकान्त

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कई वर्षों बाद
मैंने तुमसे प्रेम तब किया जब
हमारा प्रेम संकट में था।

प्रेम को बचाए रखने के संघर्ष में ही
मुझे ठीक-ठीक दीख पड़ा अपना प्रेम।