खामोशी भी एक आईना है
देखा जा सकता है जिसमें
भीतर उमड़ती हुई नदी को
ज़रूरी नहीं
गहरे उतरने के लिए
की जायें शब्दों की
पनडुब्बियाँ इस्तेमाल
और निकट आने के लिए
की जाये मौसम पर बात
या तितलियों के पँखों से मढ़ा जाये
पहचान का आकाश
खामोशी का
एक नामालूम-सा झोंका भी
परिचय के वृक्ष को
जड़ों तक हिला सकता है.