Last modified on 1 जनवरी 2010, at 19:33

प्रेम में-4 / निशांत

Dkspoet (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 19:33, 1 जनवरी 2010 का अवतरण

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

तुम कहो फूल
मैं फूल बन जाता हूँ

तुम कहो हवा
मैं हवा बन जाता हूँ

तुम कहो तितली
मैं तितली बन जाता हूँ

अब
तुम कुछ मत कहो

अब
मैं फूल हवा और तितली हूँ ।