दिनोंदिन
बढ़ता जा रहा संकट
दिनोंदिन समृद्धि भी
मुटाती जा रही
लगातार
दिनों दिन
उदासीनता की चर्बी
चढ़ती जा रही आत्मा पर
कोई दिन
जीतने और हारने की दुखद दास्तान से
खाली नहीं।
दिनोंदिन
बढ़ता जा रहा संकट
दिनोंदिन समृद्धि भी
मुटाती जा रही
लगातार
दिनों दिन
उदासीनता की चर्बी
चढ़ती जा रही आत्मा पर
कोई दिन
जीतने और हारने की दुखद दास्तान से
खाली नहीं।