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नमक / रंजना जायसवाल
अनिल जनविजय
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जब मैं स्त्री हूँ
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उसके चेहरे पर
गहरी आँखें थीं
जिनके कोनों में
अटका हुआ था नमक
बस, नहीं था
उसके घर में नमक।