मुझे
सूरजमुखी बनने की चाह नहीं
नहीं चाहती मैं
ज़मीन से जुड़ी होकर भी
ताकती रहूँ आकाश
सूरज की कृपा पर
खिलूँ
मुरझाऊँ।
मुझे
सूरजमुखी बनने की चाह नहीं
नहीं चाहती मैं
ज़मीन से जुड़ी होकर भी
ताकती रहूँ आकाश
सूरज की कृपा पर
खिलूँ
मुरझाऊँ।