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चाह / रंजना जायसवाल

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मुझे
सूरजमुखी बनने की चाह नहीं

नहीं चाहती मैं
ज़मीन से जुड़ी होकर भी
ताकती रहूँ आकाश

सूरज की कृपा पर
खिलूँ
मुरझाऊँ।