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बूढ़ा बाप था गोरी चमड़ी का आदमी
और मेरी बूढ़ी माँ थी काले आदमी की बेटी
इतनी गाली क्यों देता रहता हूँ अपने बूढ़े बाप को
सारी गालियाँ आज उससे वापिस ले लीं
और बूढ़ी माँ के प्रति जो भी शिकायत थी
और उसे नर्क में भेजने की जैसी भी इच्छा थी
सब मिटा दिए और उसके लिए आज रोता हूँ
अकेले में शुभकामनाओं के साथ
बाप मरा महल के एक विशाल कक्ष में
और माँ बस्ती की एक झोपड़ी में
मेरी मौत पता नहीं कहाँ होगी
काला हो या गोरा
कोई भी स्वीकार नहीं करता मुझे
मूल अंग्रेज़ी से अनुवाद : राम कृष्ण पाण्डेय