Last modified on 5 फ़रवरी 2010, at 10:36

दोपहर / प्रयाग शुक्ल

Mukesh Jain (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 10:36, 5 फ़रवरी 2010 का अवतरण (नया पृष्ठ: '''दोपहर''' ठण्ड है दोपहर में<br /> ठण्ड से अलग रात की<br /> सुबह की ठण्ड से अ…)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

दोपहर

ठण्ड है दोपहर में
ठण्ड से अलग रात की
सुबह की ठण्ड से अलग

        ठण्ड दोपहर में-

मद्धिम हो रही है धूप
उड़ रहे हैं पत्ते सूखे
चल रही है हवा

        गहराती ठण्ड को!

आ रही है ठण्ड की महक से-

        याद-

दोपहर

ऎसी ही एक दोपहर को
हुए थे हम अलग
समेट एक-दूसरे को!

सूखे पत्तों का विषाद

        ठण्ड में

दोपहर की!