प्रेम आसान नहीं है,
उसमें इतनी निराशाएँ होती रही हैं,
फिर भी वही एक उम्मीद है,
वही आग है,
वही लौ है,
वही अर्थ की दहलीज़ है।
प्रेम आसान नहीं है,
उसमें इतनी निराशाएँ होती रही हैं,
फिर भी वही एक उम्मीद है,
वही आग है,
वही लौ है,
वही अर्थ की दहलीज़ है।