Last modified on 22 फ़रवरी 2010, at 05:11

वसंत / त्रिलोचन

नव वसंत खिला जब भाग्य सा,
भुवन में तब जीवन आ गया,
गगन ने उस को अपनाव से,
अतुल गौरव से, अपना किया ।