कहीं से टूटा भी हृदय अपना नित्य अपना रहेगा । भूले भी पथ पर इसे छोड़ कर जो चलेगा, भोगेगा । क्षण क्षण कहानी अवश सी सुनाएगी गाथा, मुखर मुख होंगे सुरस से