Last modified on 22 फ़रवरी 2010, at 05:15

घटना / त्रिलोचन

अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 05:15, 22 फ़रवरी 2010 का अवतरण

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

जिसे मैंने खोजा, पल पल सँवारा स्मरण से,
उसे देखा आँखों, तन मन बिसारे विकल हो,
किसी के पीछे है । सकल घटना भर्तृहरि की
लिखी देखी आगे । अगम तम में भी सुगम था ।