चाँद शुक्ला हादियाबादी
जन्म | 21 मार्च 1946 |
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उपनाम | चाँद |
जन्म स्थान | हादियाबाद,फगवाड़ा (ज़िला कपूरथला) |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
विविध | |
रेडियो सबरंग डेनमार्क के निदेशक | |
जीवन परिचय | |
चाँद शुक्ला हादियाबादी / परिचय |
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- जो भी मिलता है वो लगता है मुझे हारा हुआ / चाँद शुक्ला हदियाबादी
- हम खिलौनों की ख़ातिर तरसते रहे / चाँद शुक्ला हादियाबादी
- मेरे वजूद में बनके दिया वो जलता रहा / चाँद शुक्ला हादियाबादी
- वोह जब भी मिलतें हैं मैं हँस के ठहर जाता हूँ / चाँद शुक्ला हादियाबादी
- ये कैसी दिल्लगी है दिल्लगी अच्छी नहीं लगती / चाँद शुक्ला हादियाबादी
- कच्चा पक्का मकान था अपना / चाँद शुक्ला हादियाबादी
- गैरत मंद परिंदों यूँ ही हवा में उडते जाते हो / चाँद शुक्ला हदियाबादी
- साँप की मानिंद वोह डसती रही / चाँद शुक्ला हदियाबादी
- अपने तो हौसले निराले हैं / चाँद शुक्ला हादियाबादी
- अपनी नज़र से आज गिरा दीजिए मुझे / चाँद शुक्ला हादियाबादी
- किसी के प्यार के क़ाबिल नहीं है / चाँद शुक्ला हदियाबादी
- वो एक चाँद-सा चेहरा जो मेरे ध्यान में है / चाँद शुक्ला हदियाबादी
- नाज़बरदारियाँ नहीं होतीं /चाँद शुक्ला हदियाबादी
- मेरे हाथों की लकीरों में मोहब्बत लिख दे / चाँद हादियाबादी
- ग़म गुसारों की बात करते हो / चाँद शुक्ला हदियाबादी
- दरमियाँ यूँ न फ़ासिले होते / चाँद शुक्ला हदियाबादी
- किस तरह ख़ाना ख़राब अब फिर रहे हैं हम जनाब / चाँद शुक्ला हदियाबादी
- कौन कहता है / चाँद हादियाबादी
- प्यार के काबिल नहीं / चाँद शुक्ला हदियाबादी
- [[मेरे वजूद में बन के दीया वो
जलता रहा / चाँद शुक्ला हदियाबादी]]
- रंगों की बौछार / चाँद शुक्ला हदियाबादी
- आ रहा है देखना जश्ने-बहारां आएगा / चाँद शुक्ला हादियाबादी
- दो दिन का मेहमान है तेरी यादों का / चाँद शुक्ला हदियाबादी
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