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मासूमियत / कुमार सुरेश

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टेबल के इस पार बैठे पहले आदमी
की आँखों में एक ढीठ शरारत है
आप इसे चालाकी कह सकते हैं
टेबल के उस पार खड़े दूसरे आदमी की
आँखों में चालाक निरीहपन है
आप इसे कांयियापन कह सकते हैं

दूसरे को अपना कोई काम निकलवाना है
जो पहला कहता है नियमानुसार नहीं है
दोनों एक दूसरे को आँखों से तौलते हैं
जैसे डार्विन की सर्वाइकल ऑफ फिटेस्ट
थ्योरी का इम्तिहान हो
दोनों परस्पर आशंकित
हिंसक जानवरों की तरह पैंतरा तोल रहे हैं

तभी एक नौ-दस बरस का बच्चा
चाय लेकर आ गया
अचानक कुकर का प्रेसर रिलीज हो गया
भाप की चेतावनी बंद हो गई
दोनों की आँखों में मासूमियत आ गई
दो समझदार बच्चे बातें करने लगे