मेरे मन की व्यथा कथा है ये मेरा कविता का जग कथा व्यर्थ है व्यथा मर्त्य है सनातन ये दुनिया ये जग (१)
मखमली सी ज़मी धरती की आस्मां का नीला ये बदन स्थान कहाँ है व्यथा कथा का मुखरित हो सारा जीवन
मेरे मन की व्यथा कथा है ये मेरा कविता का जग कथा व्यर्थ है व्यथा मर्त्य है सनातन ये दुनिया ये जग (१)
मखमली सी ज़मी धरती की आस्मां का नीला ये बदन स्थान कहाँ है व्यथा कथा का मुखरित हो सारा जीवन