Last modified on 20 मार्च 2010, at 15:24

दिगम्बर / अशोक वाजपेयी

अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 15:24, 20 मार्च 2010 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=अशोक वाजपेयी |संग्रह=उम्मीद का दूसरा नाम / अशोक …)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

जब वृक्ष नंगे हों
उनकी सारी पत्तियाँ झर चुकी हों
हम कितना भयभीत होते हैं
और अपनी दिगम्बरता को
ढँकते हैं इतनी सारी
वनस्पतियों से

हममें जो दिगम्बर हैं
वह कोसों नीचे गहरे
दबा रहता है
दफ़न और
भुलाया हुआ।