न हवा ने
मिन्नतें की
न क़दमों पे गिरी
न ख़ुदकुशी के लिए की
रस्सी की तलाश...
बस! चुपके से
कानून के आँखों पे
बंधी पट्टी
खोल दी...!!
न हवा ने
मिन्नतें की
न क़दमों पे गिरी
न ख़ुदकुशी के लिए की
रस्सी की तलाश...
बस! चुपके से
कानून के आँखों पे
बंधी पट्टी
खोल दी...!!