आकार
अपने अंधकार से टकरा कर
चौंकता है अरे!
अरे! हूं अभी!
होने का पता
जहां चलता है वहां नहीं हूं.
नहीं हूं सोचता
जाता हुआ अनन्त पट्टी पर
अरे!अरे!अरे!
आकार
अपने अंधकार से टकरा कर
चौंकता है अरे!
अरे! हूं अभी!
होने का पता
जहां चलता है वहां नहीं हूं.
नहीं हूं सोचता
जाता हुआ अनन्त पट्टी पर
अरे!अरे!अरे!