Last modified on 16 मई 2010, at 12:12

अवसर / निज़ार क़ब्बानी

अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 12:12, 16 मई 2010 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKAnooditRachna |रचनाकार=आन्ना अख़्मातवा |संग्रह= }} Category:रूसी भाषा <Poem> …)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

मुखपृष्ठ  » रचनाकारों की सूची  » रचनाकार: आन्ना अख़्मातवा  » अवसर

खींच लो यह खंजर
जो धँसा है मेरे हृदय के पार्श्व में
मुझे जीने दो
बाहर निकाल लो मेरी त्वचा से अपनी सुवास।
मुझे एक अवसर दो :
कि मैं मिल सकूँ एक नई स्त्री से
कि मैं अपनी डायरी से मिटा दूँ तुम्हारा नाम
कि मैं काट दूँ तुम्हारे केशों की वेणियों को
जो बनी हुई हैं मेरी ग्रीवा की फाँस।

मुझे एक अवसर दो
कि नई राहों का अन्वेषण कर सकूँ
ऐसी राहें जिन पर कभी चला नहीं तुम्हारे साथ
ऐसे ठिकाने तलाशूँ
जहाँ कभी बैठा नहीं तुम्हारे संग
उन स्थलों का उत्खनन करूँ
जिन्होंने विस्मृत कर दिया है तुम्हारी स्मृति को।

मुझे एक अवसर दो
कि उस स्त्री को खोज सकूँ
जिसे मैंने बिसार दिया तुम्हारे लिए
और तुम्हारे लिए हत्या कर दी उसकी।

मैं फिर से जीना चाहता हूँ
एक अवसर दो मुझे
बस एक।


अँग्रेज़ी से अनुवाद : सिद्धेश्वर सिंह