और यह मिट्टी है हैरान
देखकर तेरे अमित प्रयोग,
मिटाता तू इसको हरबार,
मिटाने का इसका तो ढोंग,
- अभी तो तेरी रुचि के योग्य
- नहीं इसका कोई आकार,
- अभी तो जाने कितनी बार
- मिटेगा बन-बनकर संसार!
और यह मिट्टी है हैरान
देखकर तेरे अमित प्रयोग,
मिटाता तू इसको हरबार,
मिटाने का इसका तो ढोंग,