{{KKGlobal} {KKRachna}}
}}
औरत
झाडू लगाते-लगाते
एक जीती जागती औरत
झाड़ू में बदल जाती है
धीरे-धीरे
इस देश की
एक समूची औरत
तिनका-तिनका बिखर जाती है
रचनाकाल : 1987
{{KKGlobal} {KKRachna}}
}}
औरत
झाडू लगाते-लगाते
एक जीती जागती औरत
झाड़ू में बदल जाती है
धीरे-धीरे
इस देश की
एक समूची औरत
तिनका-तिनका बिखर जाती है
रचनाकाल : 1987