Last modified on 4 जून 2010, at 11:52

रहस्य / विष्णु नागर

Pradeep Jilwane (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 11:52, 4 जून 2010 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=विष्णु नागर |संग्रह=घर से बाहर घर / विष्णु नागर }} <…)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

मैं आपको अपने कई रहस्य नहीं बताये
आपने भी यही किया
हमारी दोस्ती की यही आधारशिला है
इसी के नीचे एक दिन हम दब जाएँगे
बस थोड़ी देर घुटन होगी
फिर सब शांत हो जाएगा।