चलती बस की खड़ी भीड़ में
देखो बच्चा चूमता है
चूमता है दोनों हाथ
चूमता शीशे की पट्टियाँ
सूखा गला साफ़ करता है
होठों पर जीभ फिराता है
वह शुरू करेगा अब कोई गीत
दिन भर वह गा सके मधुरतम
यात्रियों को लुभा सके उसकी आवाज़
निकलें गीत पेट से उसके
आओ बंधु दुआ करें
रचनाकाल : 1991