Last modified on 6 जून 2010, at 16:31

अधूरी पैरोड़ी / मुकेश मानस

Mukeshmanas (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 16:31, 6 जून 2010 का अवतरण

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

नेताओं ने पकड़ लिए हैं कान
और अफसरों ने कालर
सावधान आता है डालर

आंखें कोई खुली न रक्खे
बंद ही रखे कान
मेहमानों के भेस में प्यारे
आता है शैतान
भागो, दौड़ो कैम्पा लाओ
औ’ झलने को झालर
सावधन आता है डालर

रचनाकाल:1992