Last modified on 8 जून 2010, at 22:35

प्राणाकांक्षा / सुमित्रानंदन पंत

Dkspoet (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 22:35, 8 जून 2010 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=सुमित्रानंदन पंत |संग्रह= स्वर्णधूलि / सुमित्र…)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

बज पायल छम
छम छम!
उर की कंपन में निर्मम
बज पायल छम
छम छम!

हृदय रक्त रंजित सुंदर
नृत्य मुग्ध प्रिय चरणों पर
प्राणों की स्वर्णाकांक्षा सम
प्रणय जड़ित, चंचल, निरुपम,
बज पायल छम
छम छम!

उद्वेलित हो जब अंतर
व्यथा लहरियों पर पग धर
जीवन की गति लय से अक्लम
पद उन्मद, मत थम, मत थम
बज पायल छम
छम छम!