पल पल देख निरंतर देख, थोडा मन के अंदर देख । कैसे खेल दिखाता है, आदमजात कलंदर देख । इंद्र सभा मे क़ैद हुआ, स्वर्ग का राजा इन्दर देख । अंदर से सारे प्यासे, नदियाँ और समंदर देख । वो भी कितना तनहा है, दुनिया जीत सिकंदर देख ।