सूने पड़े गाँव के
ऊँचे से धोरे पर
लीर-लीर धोती
तार-तार पाग
लिगतर फट्टाक मोजड़ी पहने
सुगनिया ढूँढ़ता है
हुक्के के पैंदे में पानी
बुझी राख में आग
मिले तो खींच ले
दम-भर एक सुट्टा
ले चले बुझती जूण को
दो पाँवड़े आगे तक ।
सूने पड़े गाँव के
ऊँचे से धोरे पर
लीर-लीर धोती
तार-तार पाग
लिगतर फट्टाक मोजड़ी पहने
सुगनिया ढूँढ़ता है
हुक्के के पैंदे में पानी
बुझी राख में आग
मिले तो खींच ले
दम-भर एक सुट्टा
ले चले बुझती जूण को
दो पाँवड़े आगे तक ।