रंगों का त्यौंहार जब आए
टाबर टोल़ी के मन भाए।
नीला पीला लाल गुलाबी
रंग आपस में खूब रचाए।
रंग की भर मारें पिचकारी
'होली है' का शोर मचाए।
सूरत सबकी एक-सी लगती
इक दूजा पहचान न पाए।
बुरा न माने इस दिन कोई
सारा ही रंग में रच जाए।।
रंगों का त्यौंहार जब आए
टाबर टोल़ी के मन भाए।
नीला पीला लाल गुलाबी
रंग आपस में खूब रचाए।
रंग की भर मारें पिचकारी
'होली है' का शोर मचाए।
सूरत सबकी एक-सी लगती
इक दूजा पहचान न पाए।
बुरा न माने इस दिन कोई
सारा ही रंग में रच जाए।।