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उस वक़्त / परवीन शाकिर

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जब आँख में शाम उतरे
पलकों पे शफ़क फूले
काजल की तरह मेरी
आँखों को धनक छू ले
उस वक़्त कोई उसको
आँखों से मेरी देखे
पलकों से मेरी चूमे