नागार्जुन कवितायें नागार्जुन
धिन-धिन-धा धमक-धमक
मेघ बजे
दामिनि यह गयी दमक
दादुर का कण्ठ खुला
धरती का ह्र्दय धुला
पंक बना हरिचंदन
हल्का है अभिनन्दन
धिन-धिन-धा...
१९६४ में लिखी