Last modified on 26 फ़रवरी 2008, at 09:12

गुनह करेंगे / अशोक चक्रधर

Pratishtha (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 09:12, 26 फ़रवरी 2008 का अवतरण

हम तो करेंगे


गुनह करेंगे

पुनह करेंगे।

वजह नहीं

बेवजह करेंगे।


कल से ही लो

कलह करेंगे।

जज़्बातों को

जिबह करेंगे

निर्लज्जों से

निबह करेंगे

सुलगाने को

सुलह करेंगे।

हम ज़ालिम क्यों

जिरह करेंगे

संबंधों में

गिरह करेंगे

रस विशेष में

विरह करेंगे

जो हो, अपनी

तरह करेंगे

रात में चूके

सुबह करेंगे

गुनह करेंगे

पुनह करेंगे