रूप तो बहुत हैं
पर सार कितना है
गहने के लिए
बातें तो बहुत हैं
कहने के लिए
पर दर्द
वह कितना है
सहने के लिए
रूप तो बहुत हैं
पर सार कितना है
गहने के लिए
बातें तो बहुत हैं
कहने के लिए
पर दर्द
वह कितना है
सहने के लिए