Last modified on 5 जुलाई 2010, at 14:59

क्या करूं / गोबिन्द प्रसाद

Mukeshmanas (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 14:59, 5 जुलाई 2010 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=गोबिन्द प्रसाद |संग्रह=मैं नहीं था लिखते समय / ग…)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)


भीतर जो अकेला है
उस मन का क्या करूँ
सन्नाटे-सा
      बरजता दिन-रात
अँधड़ उठाता
जो बन है, उस बन का क्या करूँ