गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Last modified on 5 जुलाई 2010, at 18:50
सबक / मनोज श्रीवास्तव
Dkspoet
(
चर्चा
|
योगदान
)
द्वारा परिवर्तित 18:50, 5 जुलाई 2010 का अवतरण
(सबक/ मनोज श्रीवास्तव का नाम बदलकर सबक / मनोज श्रीवास्तव कर दिया गया है)
(
अंतर
)
← पुराना अवतरण
| वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
हिन्दी/उर्दू
अंगिका
अवधी
गुजराती
नेपाली
भोजपुरी
मैथिली
राजस्थानी
हरियाणवी
अन्य भाषाएँ
मनोज श्रीवास्तव
»
Script
Devanagari
Roman
Gujarati
Gurmukhi
Bangla
Diacritic Roman
IPA
सबक
वेश्यालय के बाजू में
साधनारत तपस्वी से
ब्रह्मचर्य का सबक सीखना
बर्फ से
आग तापने जैसा है.