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हाथी भालू / नरेन्द्र जैन

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कहाँ से आया यह खिलौना?
तीता जब बड़ा हो जाएगा
कहाँ जाएगा
यह खिलौना?

आज इसे कहाँ मालूम
यह हाथी है
इस आकृति को भालू कहते हैं
बड़ा होकर कहेगा तीता
बचपन में मैं
हाथी-भालू से खेला

दुनिया में जितने लोग-बाग हैं
उतने खिलौने होंगे
शायद कुछ कम
शायद दुनिया
खिलौनों की नहीं
लोग-बागों की

एक छोटा-सा देश
सड़कों पर छोटी-छोटी नावें
चलती हैं
पेड़ों पर लगे रहते हैं
रंग-बिरंगे फल
झूठ-मूठ का लुभावना
जंगल होता है
पक्षियों की आवाज़ में बोलते
चून्नू-मुन्नू होते हैं

घुँघरूओं की ध्वनि
गुँजाती है सातों आसमान
हवाओं में उड़ते हैं
फल-फूल और बच्चे
तितलियाँ रंगीली
और
गुब्बारों की पाँत

देश एक छोटा-सा
तीता जिसका नागरिक है