Last modified on 14 जुलाई 2010, at 16:12

वहम / मनोज श्रीवास्तव

Dr. Manoj Srivastav (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 16:12, 14 जुलाई 2010 का अवतरण

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)


वहम

आँखें मूंद भर लेने से
तुम्हारी ओर बढ़ रही गोली
अपना इरादा नहीं बदल देगी
या,
निहत्थे की जान नहीं बख्श देगी.