हम-तुम जिस पर सवार हैं
वह प्यार
चाँदनी-नहाई झील में तिरती नाव नहीं
कि मस्ती में डूब कर डुएट गाएँ-
वह तो ट्रैफ़िक की भीड़ में भागता स्कूटर है
चुपचाप दम साधे पीछे बैठी रहो
यही क्या कम है
कि बिना एक्सीडेंट के हम घर पहुँच जाएँ !
रचनाकाल : 27 सितम्बर 1966