जीवन-सागर में
शायद
बचेंगे वही
जो वक़्त और मौक़ा देखकर
बाहर निकलेंगे,
ख़तरे का
तनिक-सा आभास मिलते ही
दुबक जाएँगे,
अचक्के में
तुम पर झपटेंगे ।
जीवन-सागर में
शायद
बचेंगे वही
जो वक़्त और मौक़ा देखकर
बाहर निकलेंगे,
ख़तरे का
तनिक-सा आभास मिलते ही
दुबक जाएँगे,
अचक्के में
तुम पर झपटेंगे ।