Last modified on 6 अगस्त 2010, at 10:33

माहिये-३ / रविकांत अनमोल

Anmolsaab (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 10:33, 6 अगस्त 2010 का अवतरण (नया पृष्ठ: <poem>११ भीगी सी फ़ज़ाएं हैं। आंसू आंखों में, होंटों पे दुआएं हैं। १२ …)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

११
भीगी सी फ़ज़ाएं हैं।
आंसू आंखों में,
होंटों पे दुआएं हैं।
१२
अलमस्त हवाएं हैं
मौसम भीगा सा,
खुशरंग फ़ज़ाएं हैं।
१३
ख़ुशरंग गुलाबों सा।
आँख में रहता है
तेरा रूप है ख़ाबों सा।
१४
पत्तों का है रंग पीला।
अश्क़ों की बारिश ने
चिट्ठी को किया गीला।
१५
दिन रैन बरसते हैं।
दीद की चाहत में
दो नैन तरसते हैं।