ख़ुदकलामी की भी
एक इंतहा होती है
मैंने हमेशा इससे परहेज किया
ख़ुदकलामी मैं क्यों करूँ भला
जब मेरी बात सुनने के लिए
मेरे पास मेरी तन्हाई है !
ख़ुदकलामी की भी
एक इंतहा होती है
मैंने हमेशा इससे परहेज किया
ख़ुदकलामी मैं क्यों करूँ भला
जब मेरी बात सुनने के लिए
मेरे पास मेरी तन्हाई है !