वह टोपियां बेचता है
लाल, नीली, हरी और सफेद
ग्राहकों को पटाने के लिये
वह अपने सिर पर पहनता है टोपियाँ
बदल-बदल कर
सब उसे कहते हैं टोपी विक्रेता
मगर मै उसे कहता हूँ
आजकल का नेता।
1987, आधी अधूरी ज़िन्दगी से
वह टोपियां बेचता है
लाल, नीली, हरी और सफेद
ग्राहकों को पटाने के लिये
वह अपने सिर पर पहनता है टोपियाँ
बदल-बदल कर
सब उसे कहते हैं टोपी विक्रेता
मगर मै उसे कहता हूँ
आजकल का नेता।
1987, आधी अधूरी ज़िन्दगी से