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पास / त्रिलोचन

रचनाकार: त्रिलोचन

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और, थोड़ा और, आओ पास

मत कहो अपना कठिन इतिहास

मत सुनो अनुरोध,बस चुप रहो

कहेंगे सब कुछ तुम्हारे श्वास


('अरधान' नामक संग्रह से )