Last modified on 29 अगस्त 2010, at 04:35

समय / रामकृष्‍ण पांडेय

Dkspoet (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 04:35, 29 अगस्त 2010 का अवतरण (समय / रामक‍ृष्‍ण पांडेय का नाम बदलकर समय / रामकृष्‍ण पांडेय कर दिया गया है)

आगे ही आगे
भाग रहा है समय
और मैं उसे पकड़ने के लिए
भागता जा रहा हूँ उसके पीछे
गुज़र गए
न जाने कितने नदी, जंगल, पहाड़
न जाने कितने पड़ाव छूट गए राह में
दौड़ लगी है समय से मेरी
थकूँगा नहीं मैं
रुकूँगा नहीं मैं
लाँघता ही जाऊँगा सारी बाधाएँ
अनवरत अविश्राम
भाग रहा है समय
आगे ही आगे
और मैं उसे पकड़ने के लिए
भागता जा रहा हूँ उसके पीछे