मेरी मां की आंखों में
पहले
सपने थे
लेकिन अब
कैद है अनुभव।
मां
जब
अनुभव पाल रही थी
मै
उसके
सपनों में
पल रह था।
अब
मैं
सपनों से बहुत दूर हूं
और
अनुभव मांग रहा हूं
लेकिन
बंद हैं
मां की दोनों आखें
जैसे
रखना चाहती हो उन्हें
संजोकर।